अमीरी गरीबी का फासला बढ़े तो बढ़ने दो बृज खंडेलवाल द्वारा फरवरी 1 को पेश किया गया केंद्रीय बजट 2025, सरकार की सवालिया प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से उजागर करता है, जिसमें करोड़ों “हाशिए के नागरिकों” के सामने आने वाली सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों की उपेक्षा करते हुए, संपन्न लोगों का पक्ष लिया गया है। कॉलेज टीचर […]